बड़गांव क्षेत्र के ग्राम शिमलाना की निवासी मीनू राणा ने हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएं शुरू की हैं। अपनी ज्वाइनिंग से पहले, मीनू ने बड़गांव स्थित दीप कोचिंग सेंटर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी। अपनी मेहनत और कोचिंग सेंटर के मार्गदर्शन से सफलता प्राप्त करने के बाद भी मीनू का जुड़ाव संस्था से बना रहा और उन्होंने कुछ समय के लिए वहां अपनी सेवाएं भी दीं।
पुलिस विभाग में नियुक्ति के बाद जब मीनू राणा को अपना पहला वेतन मिला, तो उन्होंने एक अनुकरणीय निर्णय लेते हुए उसे पूरी तरह से अपने गुरु और दीप कोचिंग सेंटर के संस्थापक, श्री विकल सर को भेंट करने का फैसला किया। मीनू की इच्छा थी कि इस राशि का उपयोग कोचिंग सेंटर के विकास और अन्य जरूरतमंद छात्रों के भविष्य को संवारने में किया जाए।
प्रारंभ में, कोचिंग सेंटर के संस्थापक श्री विकल सर ने इस गुरु दक्षिणा को स्वीकार करने में संकोच किया। उन्होंने मीनू को समझाया कि यह उसकी मेहनत की कमाई है और उसे अपने भविष्य के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। हालांकि, मीनू के बार-बार आग्रह करने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बाद, श्री विकल सर ने भारी मन और गर्व के साथ हाथ जोड़कर इस भेंट को स्वीकार किया।
इस अवसर पर भावुक हुए श्री विकल सर ने कहा, "मीनू ने जो किया है, वह सिर्फ एक भेंट नहीं, बल्कि हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो अपने गुरु और अपनी शिक्षण संस्था के प्रति सम्मान का भाव रखता है। मैं वचन देता हूं कि इस राशि का प्रत्येक पैसा कोचिंग सेंटर के विकास और यहां पढ़ने वाले बच्चों की बेहतरी के लिए ही खर्च किया जाएगा।"
इस भावुक क्षण ने शिक्षक और छात्रा दोनों को अभिभूत कर दिया। शिक्षक ने छात्रा के इस कदम को अपनी "सबसे बड़ी गुरु दक्षिणा" बताया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक के लिए इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता कि उसका शिष्य सफलता प्राप्त करने के बाद भी अपनी जड़ों को न भूले।
मीनू राणा के इस कदम की पूरे क्षेत्र में सराहना हो रही है और इसे गुरु-शिष्य के पवित्र रिश्ते का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना जा रहा है। यह घटना दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन और छात्र के समर्पण से न केवल सफलता प्राप्त होती है, बल्कि समाज में सकारात्मक मूल्यों की स्थापना भी होती है।
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