2017 से यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को अब राहत मिली है। यमन सरकार ने उनकी मौत की सजा रद्द कर दी है। यह फैसला यमन की राजधानी सना में हुई एक हाई-लेवल बैठक में लिया गया। जानकारी भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कांथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय से दी गई है।
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निमिषा को 16 जुलाई को दी जानी थी फांसी, लेकिन एक दिन पहले 15 जुलाई को सजा को अस्थायी रूप से टाल दिया गया था। अब यह पूरी तरह रद्द कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
निमिषा को 2018 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था।
आरोप था कि उसने महदी को ड्रग्स का ओवरडोज देकर हत्या की थी, क्योंकि महदी उसका पासपोर्ट जब्त कर उसे प्रताड़ित कर रहा था।
शव के टुकड़े वाटर टैंक में फेंकने का भी आरोप है।
भारत और यमन के धर्मगुरुओं की भूमिका
भारतीय ग्रैंड मुफ्ती मुसलियार और यमन के सूफी विद्वान शेख हबीब उमर के बीच अहम बातचीत हुई।
यह वार्ता शरिया कानून के तहत हुई, जिसमें मृतक का परिवार दोषी को माफ कर सकता है।
हालांकि, महदी का परिवार माफी या ब्लड मनी लेने को तैयार नहीं था।
भारत सरकार की भूमिका
भारत के पास यमन में स्थायी दूतावास नहीं है, इसलिए रियाद स्थित राजदूत के जरिए बातचीत हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई और सरकार ने सीमा तक प्रयास किए।
क्राउडफंडिंग के जरिए ब्लड मनी जुटाने की कोशिश की गई थी।
कैसे दी जाती है सजा-ए-मौत यमन में?
दोषी को कंबल पर पेट के बल लिटाया जाता है।
डॉक्टर दिल की जगह पर निशान लगाता है।
जल्लाद पीठ में ऑटोमैटिक राइफल से गोली मारता है।
फिलहाल राहत, पर अंतिम पुष्टि विदेश मंत्रालय से बाकी
भारतीय ग्रैंड मुफ्ती ने सजा रद्द होने की जानकारी दी है,
लेकिन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अब तक पुष्टि नहीं की है।
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