उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेशवासियों को नाग पंचमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय संस्कृति की गहराई और जीव-जंतुओं के साथ आत्मीय सम्बन्धों की समृद्ध परंपरा को रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि "नाग पंचमी का पर्व प्रकृति और जीवन के बीच हमारे आत्मिक जुड़ाव का प्रतीक है।" उन्होंने बताया कि नाग पूजा का प्रचलन प्राचीन काल से चला आ रहा है। धर्मशास्त्रों में नाग को जागृत कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक माना गया है।
योगी जी ने कहा कि भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन करते हैं और भगवान शिव के आभूषणों में भी सर्प व नाग शामिल हैं। श्रावण मास में नाग पंचमी का विशेष महत्व है, और यह पर्व भगवान शिव संग नागों की पूजा के लिए जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। पारम्परिक रूप से इस दिन कुश्ती जैसी खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिसमें लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंत में सभी नागरिकों को नाग पंचमी की मंगलमय शुभकामनाएं दीं।
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