किसान परिवार की दो बेटियां, जिनका घर हाल ही में आई सुनामी में तबाह हो गया था, आज अपने संघर्ष और समर्पण के दम पर IAS और IPS बन गई हैं।
बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करते-करते, इन बेटियों ने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और अपने सपनों को साकार किया। उनका यह सफर न केवल परिवार के लिए एक नई उम्मीद का प्रतीक है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। आज ये बेटियां साबित करती हैं कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करते-करते, इन बेटियों ने शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और अपने सपनों को साकार किया। उनका यह सफर न केवल परिवार के लिए एक नई उम्मीद का प्रतीक है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। आज ये बेटियां साबित करती हैं कि कड़ी मेहनत और लगन से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
तमिलनाडु के कड्डलोर जिले के किसान की बेटियां सुष्मिता और ईश्वर्या रामनाथन ने यूपीएससी की कठिन परीक्षाएँ पास करके आईएएस और आईपीएस अधिकारी बने। इश्वार्या ने 2019 में 44वीं रैंक हासिल की और आईएएस बनीं। सुष्मिता ने छह प्रयासों के बाद 2022 में 528वीं रैंक के साथ आईपीएस अधिकारी बनी।
सुष्मिता और ईश्वर्या की कहानी प्रेरणा का स्रोत है, जो यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद मेहनत और संकल्प से सफलता हासिल की जा सकती है। दोनों बहनों ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) परीक्षा में उत्कृष्टता दिखाकर अपने परिवार और समाज के लिए मिसाल पेश की है। UPSC परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में मानी जाती है, जिसमें सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगन की आवश्यकता होती है।
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