नई दिल्ली: उत्तर भारत के यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। दिल्ली से देहरादून के बीच बन रहा नया एक्सप्रेसवे अगस्त 2025 से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक्सप्रेसवे का पहला चरण अगस्त से शुरू हो जाएगा जबकि इसका पूरा निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
अभी दिल्ली से देहरादून पहुंचने में 6 से 7 घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यह सफर घटकर 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस नए मार्ग पर कारें 100 किमी प्रति घंटा और बड़ी गाड़ियां 80 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल सकेंगी।
इस एक्सप्रेसवे को और किफायती बनाने के लिए सरकार 15 अगस्त 2025 से प्राइवेट वाहनों के लिए 3000 रुपये का सालाना फास्टैग पास शुरू करने जा रही है। यह पास कार, जीप और वैन जैसे गैर-व्यावसायिक वाहनों के लिए होगा। इस पास में 200 ट्रिप शामिल होंगे यानी प्रति यात्रा टोल महज 15 रुपये पड़ेगा। यदि दिल्ली से देहरादून तक 4 टोल प्लाजा पड़ते हैं, तो एक साइड का खर्च महज 60 रुपये होगा।
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर लोनी, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर होते हुए देहरादून पहुंचेगा। इसे चार हिस्सों में बांटकर बनाया जा रहा है। अच्छी खबर यह भी है कि इसका शुरुआती 18 किमी का हिस्सा (अक्षरधाम से लोनी तक) टोल-फ्री रहेगा।
एक्सप्रेसवे का 3.4 किलोमीटर का एक हिस्सा पहले ही आम जनता के लिए खोला जा चुका है। इसके बाद अब जल्द ही बाकी हिस्सों को भी चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा।
फिलहाल दिल्ली से देहरादून जाने में लगभग ₹500 का टोल लगता है। लेकिन नए एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद यह खर्च काफी कम हो जाएगा, खासकर उन यात्रियों के लिए जो फास्टैग पास का इस्तेमाल करेंगे।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे उत्तर भारत की कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। न केवल यह समय की बचत करेगा, बल्कि यह यात्रा को अधिक सुरक्षित, तेज और सस्ती भी बनाएगा।
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