बसपा में आए ताजा विवाद ने पार्टी में एक बार फिर हलचल मचा दी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाकर स्पष्ट संदेश दिया है कि उनके जिंदा रहने तक ना तो कोई उत्तराधिकारी होगा और ना ही रिश्ते नातों का इस राजनीति में कोई महत्व है। मायावती की इस घोषणा ने पार्टी में आंतरिक संघर्ष को उजागर किया है और राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह कदम मायावती द्वारा पार्टी की अगुवाई और उसकी दिशा को नियंत्रित रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस फैसले के बाद बसपा नेतृत्व में क्या बदलाव आएंगे, यह देखने वाली बात होगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाकर स्पष्ट संदेश दिया है कि उनके जिंदा रहने तक ना तो कोई उत्तराधिकारी होगा और ना ही रिश्ते नातों का इस राजनीति में कोई महत्व है। मायावती की इस घोषणा ने पार्टी में आंतरिक संघर्ष को उजागर किया है और राजनीतिक गलियारों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह कदम मायावती द्वारा पार्टी की अगुवाई और उसकी दिशा को नियंत्रित रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस फैसले के बाद बसपा नेतृत्व में क्या बदलाव आएंगे, यह देखने वाली बात होगी।
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