नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नानौता नगर से गुजर रही 220 केवी की हाई वोल्टेज बिजली लाइन के नीचे बने ढांचों की सुरक्षा के संबंध में महत्वपूर्ण जनहित याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति अभय एस ओझा और न्यायमूर्ति उज्जवल भूयान की पीठ ने कार्यकारी अभियंता को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करें कि बिजली लाइनों के नीचे रह रहे या काम कर रहे लोगों की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।
कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि किसी भी प्रकार का खतरा पाया जाता है, तो अदालत में सुरक्षा उपायों का विस्तृत विवरण पेश किया जाए। इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एक महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है। अगली सुनवाई की तारीख 28 मार्च 2025 रखी गई है।
यह मामला शहरी ढांचागत विकास और सार्वजनिक सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करता है, और सुप्रीम कोर्ट की यह सक्रियता हाई वोल्टेज बिजली लाइनों के नीचे रहने वाले लोगों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम जनहित में सुरक्षा के मानकों को बेहतर बनाने और नागरिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सकारात्मक पहल है।
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