कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर के हालिया बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर कारगिल में वापस जाने का मौका था, तो अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लेने से सरकार को कौन रोक रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करते हुए कहा, "अगर वास्तव में सरकार PoK को वापस लेना चाहती है, तो उसे ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। केवल बयानों से कुछ नहीं होगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले वर्षों में बार-बार उठाए गए ऐसे सवालों का जवाब देने की आवश्यकता है।
इस बयान से यह सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार अपनी रणनीति के अनुसार PoK के मुद्दे पर गंभीरता से कुछ कदम उठाने की योजना बना रही है। उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि केवल बयानबाजी करना और फिर कुछ ठोस ना करना, जनता को भ्रमित कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस विषय पर चर्चा आगे बढ़ने पर, केंद्रीय सरकार को कश्मीर की स्थिति और उसकी सुरक्षा नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। हाल के दिनों में कश्मीर मुद्दे पर आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के सवाल उठ रहे हैं।
राज्य की राजनीतिक स्थिति और सुरक्षा के पहलुओं पर ऐसे बयानों का विशेष महत्व है, और इससे यह स्पष्ट होता है कि कश्मीर का भविष्य एक बार फिर राष्ट्रीय चर्चा का विषय बन सकता है।
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