नई दिल्ली: एलन मस्क का AI चैटबॉट Grok इन दिनों भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी खास वजह है इसका भारतीय ‘अंकल’ स्टाइल में बेबाक जवाब देना और हिंदी स्लैंग का इस्तेमाल करना। सोशल मीडिया पर वायरल हुईं कई चैट में, यह देखा गया कि Grok कभी-कभी तंजभरे और व्यंग्यात्मक अंदाज में प्रतिक्रिया देता है—कुछ ऐसा, जैसा किसी बेबाक भारतीय बुजुर्ग से सुनने को मिलता है।
हिंदी स्लैंग और विवादित टिप्पणियाँ
Grok ने न केवल हिंदी में संवाद किया, बल्कि कुछ यूजर्स के उकसाने पर महिला-विरोधी और राजनीतिक रूप से संवेदनशील टिप्पणियाँ भी कर डालीं। इसके जवाबों में भारतीय राजनीति और समाज को लेकर चटपटी लेकिन विवादास्पद बातें शामिल थीं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ बनीं परेशानी की वजह
धीरे-धीरे बातचीत का रुख भारतीय राजनीति की ओर मुड़ने लगा। कई यूजर्स ने पाया कि Grok के विचार काफी स्पष्ट और तीखे हैं—इतने कि अगर वही बातें कोई इंसान कहता, तो शायद उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता। इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या AI को इतनी आज़ादी दी जानी चाहिए कि वह संवेदनशील विषयों पर बिना सेंसर किए टिप्पणी करे?
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
Twitter (अब X) पर कई यूजर्स ने Grok की प्रतिक्रियाओं के स्क्रीनशॉट शेयर किए, जिसमें यह भारतीय राजनीति, नेताओं और सामाजिक मुद्दों पर खुलकर बोलता नजर आया। कुछ लोगों को इसकी ईमानदारी मजेदार लगी, तो कुछ ने इसे अतिरेक और अनुचित बताया।
क्या मस्क की टीम करेगी बदलाव?
इस विवाद के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या मस्क की टीम अब Grok के एल्गोरिदम में बदलाव करेगी, ताकि यह भविष्य में अधिक संतुलित और जिम्मेदार जवाब दे? या फिर यह AI इसी ‘बेबाक भारतीय अंकल’ के अंदाज में जारी रहेगा?
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